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उड़ी हमले में शहीद जवानों को शत शत नमन ....!

अब वक्त है बदला लेने की ! चाहे सरकार कुछ करे या न करे।
जाने क्या है उड़ी हमला ??
            उड़ी हमला भारत के  जम्मू एवं कश्मीर राज्य में 18 सितंबर 2016 को चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने उड़ी शहर के पास आतंकी हमला किया । यह "घातक हमला "दो दशकों में कश्मीर में सुरक्षा बलों पर हमले 'के रूप में बताया गया
18 सितंबर, 5:30 बजे के आसपास चार आतंकवादियों ने एक भारतीय सेना ब्रिगेड के मुख्यालय जो की शहर उड़ी के पास एक पूर्व-डॉन घात  नियंत्रण रेखा पर है,हमला कर दिया।  उनको 3 मिनट में 17 हैण्ड ग्रनेड फेंकने के लिए कहा गया था और इस हमले की वजह से एक रियर प्रशासनिक आधार शिविर के  टेंट में आग लगने के कारण 13-14 सेना कर्मियों की मौत हो गई। उसके बाद  छह घंट तक लगातार फायरिंग हुई जिसके दौरान सभी चार आतंकवादियों की मौत हो गई। इसके अतिरिक्त हमले में 19 - 30 सैनिकों के घायल होने की सुचना दी गई।
                      तलाशी संचालन जारी रख शवों को  बाहर निकलवाया गया । अधिकांश सैनिकों में 10 डोगरा और 6 बिहार रेजिमेंट के सैनिक शहीद हो गए
19 सितंबर 2016, को कुल घायलों की संख्या पर 18 बताई गई
नीचे की तस्वीरों में देखे वारदात-ए-अंजाम








हमले के बाद सरकार की क्या प्रतिक्रिया रही ??? जरूर पढ़े!
            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैबिनेट के सदस्यों के साथ ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कदम लेने के चर्चा में  एक आपात बैठक आयोजित की ।
           रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और भारतीय सेना cheif जनरल दलबीर सिंह ने शीघ्र ही कश्मीर का दौरा किया ।
           गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद और आतंकवादियों को सीधा समर्थन करने के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया और पाकिस्तान को एक "आतंकवादी देश " घोषित कर दिया जाना चाहये कहा । विपक्षी पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, ने अब केंद्रीय सरकार पर ऊँगली उठना शुरू कर दी है ।
            20 सितम्बर को शिव सेना के कार्यकर्ता विरोध में निकल पढ़े और यह आह्वान करते दिखे की अब और बयान बजी नहीं बर्दास्त की जाएगी अब खून का बदला खून से लिया जाएगा ,अगर मोदी सरकार इस बार की कुछ नहीं करती है तो शिव सेना पाकिस्तान में घुस कर बदला लेगी ।
  अब बस देखना यह है कि सरकार क्या फैसला लेगी ???

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