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Krishnastami in Chakradharpur - चक्रधरपुर में जन्माष्टमी मेले का आयोजन


                            Ckp Photogram की ओर से पुरे चक्रधरपुर नागरवाशियों को जन्माष्टमी की ढेर सारी शुभकामनाएं। आशा है कि हर साल की भांति इस बार भी श्रद्धालु और भक्तगण विधि विधान तथा सुवेवस्थित तरीको से प्रभु कृष्ण की पूजा अर्चना करेंगे ।
     Wishing you a very happy joyful lovly piece of love  Janmashtami to the Chakradharpur Citzens,from CKP PHOTOGRAM. It is hoped that, as in every year, this time too the faithful and devotees of Lord Krishna worship rituals. 
 
      
चकधरपुर में जन्माष्टमी कैसे मनाई जाती है? हजारो की संख्या में क्यों आते है लोग यहाँ  ?
                                  जानने के लिए आगे पढ़े....
प्रत्येक वर्ष चक्रधरपुर में जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में पोर्टर खोली रेलवे छेत्र में जन्माष्टमी मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले का आयोजन बहुत वर्षो से किया जा रहा है। साल में एक बार मेला लगने के कारण यह अति प्रसिद्ध भी है साथ में यह जमशेदपुर राउरकेला चाईबासा रांची इत्यादि जैसे शहरों में इसकी चर्चाएं खूब होती है।
                         चक्रधरपुर नगर के कुछ छेत्र में प्रभु श्री कृष्ण के पंडाल बनाये जाते है जहाँ लोग उनके दर्शन करने पूजा करने अपितु घूमते जाते हैं।
            चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के समीप राधा गोबिंद मंदिर को पूरे लइटों से सजाया जाता है। बहुत ही भब्य मनमोहक लगते है मंदिर पंडाल ।
            नगर का सबसे बड़ा तथा सबसे प्रसिद्ध पंडाल तथा पूजा का आयोजन पोर्टर खोली में किया जाता है और यही से मेले का शुभारंभ होता है।
आइये एक नजर डालते हैं इस मेले में !!!!!




       हर साल चक्रधरपुर में जन्माष्टमी मेला रेलवे के पोर्टर खोली छेत्र में आयोजित होती है । इस तस्वीर से यह स्पष्ट है कि इस मेले में हजारो की संख्या में लोग घूमने आते है। मेले में प्रशासन काफी सक्रिय रहते हैं।
रेलवे अपनी तरफ से सुरक्षा प्रदान करती है ताकि मेले में लोग सुरक्षित रहे । यह मेला लगभग 7-8 दिनों तक रहती है। क्या है इस मेले का प्रमुख आकर्ष ?
खाजा :- जी है अगर बात खाने पीने की कि जाये तो इस मेले के खाजा और मिठाई पुरे नगर में प्रसिद्द हैं । ऐसे बहुत ही कम लोग होंगे जो मेले में जाये और खाजा न खरीदें!
हर साल यहाँ खाजा बेचने वालों की कमाई अच्छी होती है और हो भी क्यों न इतनी स्वादिष्ट जो होती है ये। खाजा वाले मेले आरम्भ होने के 2-3 दिन पहले से ही वहां पर दुकाने खोल कर खाजा बेचने लगते हैं।

मौत का कुवाँ :- अगर बात मेले लुफ्त उठाने की जाये तो मौत का कुवाँ सबसे ज्यादा लोगो को आकर्षित करता है ।और करे भी क्यों न जान जोखिम में डालकर कुंवे के अंदर bikes और cars से करतब दिखाए जाते हैं।

दुकानें :- दूसरी और ख़रीददारी की बात कही जाये तो यहाँ तरह तरह की सेकड़ो दुकाने लगती हैं जहाँ लोग खरीददारी करते हैं।
     

ये थी मेले की प्रमुख आकर्षण के केंद्र ! इनके अलावा झूले, जादुई सर्कस, डांस शो इत्यादि भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं इस मेले में ।
बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद होने के कारण यहाँ लोगो को थोड़ी परेशानियों का सामना करना पढता है । 
पिछले साल यहाँ एक आपराधिक घटना घटित हुई थी।
          अतः नगरवाशियों से अनुरोध है कि थोड़ी सतर्कता के साथ इस मेले का आनंद ले ।
धन्यवाद!

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